सफेद बर्फ की चादर में दफन होकर भी अशोक मुश्कुरायेगा शेरो दिलो का खून शेरो दिलो में हर बार आग लगाएगा पड़े रहो जयचंदो चुपचाप अपने कब्रिस्तान में वरना ज़िंदा जला दिए जाओगे शहीदों के सम्मान में तुम अफजल ओर कसाब निकालते चले जाओ मजारो से यहाँ तो अकेला ही लड़ जाएगा अशोक हज़ारो से