#5LinePoetry उनके इंकलाब का असर हो रहा है वो परिंदे जो घर से बेघर हो रहा है लौट कर ठहरता था जिस पेड़ पर हरेक टुकड़े का हिसाब हो रहा है। ©सौरभ अश्क #पेड़ मत काटो