जाना है मुझे उस पार जहाँ से वापस आना हो दुशवार जहाँ मिले सुकून, चैन और आराम दुनिया से दूर, करुगा अपना बसेरा जहाँ कोई नहीं होगा मेरा मोह, माया से दूर होगा वो आशिया...ओह माझी ले चल वहाँ दूर दूर तक शांति हो जहाँ ! जाना है उस पार