कम लोग ही बैठते हैं अब पेड़ो के छांव में कुछ गरीब बूढ़े ही रहते हैं अब मेरे गाँव में अब चलते नहीं,उड़ते हैं लोग लिहाजा छाले नहीं पड़ते पाँव में। अब हर कदम फूँक कर रखते हैं लोग अब कोई जिंदगी लगाता नहीं दाँव में. ©Kamlesh Kandpal #chanw