खूब लड़ी मर्दानी वो तो सिंहासन हिल उठे राजवंषों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सब ने मन में ठनी थी. चमक उठी सन सत्तावन में, यह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. -"सुभद्रा कुमारी चौहान" #SpecialDay #RaniLakshmiBai #nojoto #hindi #patriotism