तवायफ़ और गंगा में कोई अंतर नहीं है! या यूँ कहा जाये कि दोनो के चरित्र एक हैं! हाँ मैं गंगा को भी तवायफ़ कह रहा हूँ! अनन्त काल से जो पाप धोती आ रही है! ठीक उस कोठे के तवायफ़ की तरह ! जो मिटाती रही है "वासना"समाज से अपना देह जला जला कर! मेरे समझ में ये नहीं आता कि गर इन सब के बावजूद गंगा पवित्र है! फिर कैसे तवायफ़ समाज पर दाग़ कैसे हो सकती है? #गंगा #तवायफ़ #nojotohindi #nojotowritings #hindivibes #khayal