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जब से तुम रुखसत हुए मेरे जहां से, तब से जिन्दगी कर

जब से तुम रुखसत हुए मेरे जहां से,
तब से जिन्दगी कराह रही है,
 पर शब्द नहीं निकल रहे हैं जुबां से।
.... कविराज जब से तुम रूखसत हुए इस जहां से//कविराज
जब से तुम रुखसत हुए मेरे जहां से,
तब से जिन्दगी कराह रही है,
 पर शब्द नहीं निकल रहे हैं जुबां से।
.... कविराज जब से तुम रूखसत हुए इस जहां से//कविराज