मंजर बदल जाते हैं और लोग ठीक से देख नहीं पाते रास्ते बहुत मिलते हैं पर लोग चल नहीं पाते , रोकने कोशिस ज़ारी रहे हज़ार बार पर जो बदल जाते हैं उसे ढूंढ नहीं पाते, क्या क्या हो जाता हैं चंद लम्हो मैं पर लोग इसे देख नही पाते हवा भी कर्वट लेकर गुज़र जाती हैं और फ़िज़ाए भी दंग रह जाते हैं इसी तरह एकदिन हर रिश्ते बदल जाते हैं.. #एककविता #आपकेलिए