तब दील के हाल सब कमाल होते , जब दील के जुबान होते, लेकिन यहाँ तो हाल बेहाल है। तभी तो बोलने को जुबान और काटने को दांत है, देखो दोनो काम मूँह मे हो रहा है। ये जुबान गलत को सही , सही को गलत सब बोलते है ना जाने कब ये क्या बोलते है। भला हो उसका जो भला करते है, देखो भलाई भी बेची जाती है, भलाई मेरा धंधा है हम youtube के लिए काम करते है, तो फिर सरकार क्या करते है। गरीब क्यो डरते है ,गरीब क्या मरते है। भला होगा गरीब का गरिबी से जलते है। ???