ख़यालों मे खोकर ,तुम्हें पा लेते हैं हम। इस तरह दिल को अपने , बहला लेते हैं हम। फुरक़त के अंधेरों से जब ,घबराता है दिल, राहे-उल्फत मे चराग़,जला लेते हैं हम। नज़रों से दूर होकर भी,दिल के करीब हो, राब्ता दिल का दिल से,बना लेते हैं हम। ऐसा न हो कि तुमको,ग़म की नज़र लगे, यह सोचकर ज़ख़्मे-ज़िग़र,छिपा लेते हैं हम। सुक़ूने-दिल कहाँ, उसके बिना ",फिराक़," रस्मे-वफा का वास्ता देकर,समझा लेते हैं हम। नमस्कार लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳