To, Dear Zindagi; मजदूरों सी तू कट रही हैं,, फिर भी लोग हमको ' साब - साब ' करते हैं , , । होश में तो अब तू आनी नही हैं,चलो अपनी सांसो को शराब करते हैं , , । मोह तो कबका छुट गया तुझसे, हम शौक के खातिर तुझे खराब करते हैं , , । और किसने किसका सुकून लूटा है ? आ बैठ ज़िंदगी, तेरा हिसाब करते हैं , , । A letter to ज़िंदगी