तू सब्र कर ए दिल की कारवां ए दर्द से राबता पुराना है तेरा गुज़रे हैं कई जलजले तुझपे मंज़र कई संगीन पैवस्त तेरी आंखो में ये दौर ए दहशत का समा भी गुज़र जाएग... ज़ख्म ये भी भर जाएगा, रुत फ़िर आएगी शाख पे ज़िन्दगी की..कोई नन्हा पत्ता फिर खिल मुस्काएगा तू सब्र कर ए दिल ! #कविता #विचार #उम्मीद #ज़िन्दगी