प्रेम,सत्य पर रख,साथ संग को हो जाने दे स्वीकार परिचय दे अंतरिम अस्तित्व का,बिना किसी दीवार अक्षमता कैसे करेगी,शुद्ध परिपक्वता का प्रतिकार मिलन लक्ष्य नहीं वहाँ, जहाँ परमेश्वर का हो संचार प्रेम,प्रतिष्ठा का मार्ग मान,जिसके लिए गर जीता है वचन बद्ध हो,अगर कोई तुम्हें पा जाने को मरता है जहाँ मन वहाँआकर्षण,स्थिर हो केंद्रित ही रहता है वचन भंगता नहीं,जहाँ ईश्वर मुख्यधारा में बहता है प्रेम,प्रभुत्व की शैली में,सौंदर्य विभूति सहेज सरल मनोकामना कर,प्रतिउत्तर मिले स्पष्ट मधुरतम तल सान्निध्य मनोहर हो,पारस्परिक समाजिकता अटल प्रेमरोग नहीं,सिद्धान्त जहाँ निर्णय बन जाये अचल प्रेम में विवाद अस्थिरता का प्रतीक! प्रेम,सत्य पर रख,साथ संग को हो जाने दे स्वीकार परिचय दे अंतरिम अस्तित्व का,बिना किसी दीवार अक्षमता कैसे करेगी,शुद्ध परिपक्वता का प्रतिकार मिलन लक्ष्य नहीं वहाँ, जहाँ परमेश्वर का हो संचार प्रेम,प्रतिष्ठा का मार्ग मान,जिसके लिए गर जीता है वचन बद्ध हो,अगर कोई तुम्हें पा जाने को मरता है