part 2 फिर मिरी याद आ रही होगी फिर वो दीपक बुझा रही होगी फिर उसी ने उसे छुआ होगा फिर उसी से निभा रही होगी जिस्म चादर सा बिछ गया होगा रूह सिलवट हटा रही होगी फिर से इक रात कट गई होगी फिर से इक रात आ रही होगी फिर मिरी याद आ रही होगी फिर वो दीपक बुझा रही होगी -dr. kumar vishwash #NojotoQuote