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जो इबादत कुबूल करे वो इश्क़-ए-खुदा मेरी, रहमत में

जो इबादत कुबूल करे
वो इश्क़-ए-खुदा मेरी,

रहमत में पा लूं मुट्ठी भर सुकून,

गर कमबख्त इस जिस्म से
रूह कर दे,वो रिहा मेरी ।। #शायरी #दुआ  Satyaprem Snigdha Banerjee Sanjna Aarya Durgesh Singh Ritu Singh
जो इबादत कुबूल करे
वो इश्क़-ए-खुदा मेरी,

रहमत में पा लूं मुट्ठी भर सुकून,

गर कमबख्त इस जिस्म से
रूह कर दे,वो रिहा मेरी ।। #शायरी #दुआ  Satyaprem Snigdha Banerjee Sanjna Aarya Durgesh Singh Ritu Singh