जीवन और मृत्यु(चिंतन) कैप्शन 👇 में पढ़े। जीवन और मृत्यु (चिंतन) -------------------------------------------------- प्रख्यात कवि श्री कुंवर नारायण जी की कविता के कुछ पंक्ति से मैं इस चिंतन की शुरुआत करना चाहूंगा कि- घर में रहेंगे, हमीं बने रहेंगे समय होगा, हम अचानक गुजर जाएंगे। अनर्गल जीवन ढोते किसी दिन हम एक आशय तक पहुँच सहसा बहुत थक जायेंगे।