अपने हीं बच्चों के हाथों माता फिर बदनाम हुई लाल किले की ख्याती देखो कैसे लहू लुहान हुई जिस ध्वज के सम्मान के सम्मान के खातिर सीमाओं पर सैनिक जान लुटाते हैं आज वही सम्मान देखिये कैसे यहां नीलम हुई ©BK Mishra यह तस्वीर मेरे भाई के बटालियन की है कश्मीर से । एक ओर सैनिक हमारे सम्मान के लिए दिन रात लगे हैं अपने प्राण की परवाह किये बिना और दूसरी ओर हम अपने देश के अंदर हीं इन मानविन्दुओं के सम्मान के लिए कितने संवेदनहीन है। कल से मन बहोत व्यथित है। अनूप'बसर' अविनाश मिश्र अंजान