वो सर उठाकर जो चलता है मेरा महबूब उसके सर का ताज हूं और जो ज़माना आज तक न देख पाया उसकी आँखों में छिपा एक ख्वाब हूँ मैं हूँ उसके सुकूं की वज़ह जगजाहिर जिसे ना कर पाया कभी वो उसके दिल की वही बात हूँ सब उससे उसके खुश रहने की बजह पूछते हैं उस लबों पर फैली मैं वो एक मुस्कान हूँ। ।।। ©Rowdy Girl #Nojoto #nojotohindi #teamnojoto #nojototeam #mywords #Love #garimakeshabd Ehsaas"(ˈvamˌpī(ə)r)"Radio Mr Ismail Khan