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दोस्तों की दुआ मेरे, आगे, मौत खड़ी थीं,! पण में डर

दोस्तों की दुआ 
मेरे, आगे, मौत खड़ी थीं,!
पण में डरा नहीं,!!
कियू, की, मेरे आगे, मेरा दोस्त खड़ा था,




ठाकुर भारत सिंह कवि रामदास गुर्जर
दोस्तों की दुआ 
मेरे, आगे, मौत खड़ी थीं,!
पण में डरा नहीं,!!
कियू, की, मेरे आगे, मेरा दोस्त खड़ा था,




ठाकुर भारत सिंह कवि रामदास गुर्जर

कवि रामदास गुर्जर