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विकास कागज पर है। धन आवंटन कागज पर है और नौकरियां

विकास कागज पर है। धन आवंटन कागज पर है और नौकरियां मुंह में हैं।
जनता को समझना चाहिये कि अब यह विकास का झांसा महंगा पड़ने लगा है।

©MANJEET SINGH THAKRAL विकास कागज पर है। धन आवंटन कागज पर है और नौकरियां मुंह में हैं।
जनता को समझना चाहिये कि अब यह #विकास का झांसा महंगा पड़ने लगा है।

#विकास_का_झांसा
विकास कागज पर है। धन आवंटन कागज पर है और नौकरियां मुंह में हैं।
जनता को समझना चाहिये कि अब यह विकास का झांसा महंगा पड़ने लगा है।

©MANJEET SINGH THAKRAL विकास कागज पर है। धन आवंटन कागज पर है और नौकरियां मुंह में हैं।
जनता को समझना चाहिये कि अब यह #विकास का झांसा महंगा पड़ने लगा है।

#विकास_का_झांसा

विकास कागज पर है। धन आवंटन कागज पर है और नौकरियां मुंह में हैं। जनता को समझना चाहिये कि अब यह #विकास का झांसा महंगा पड़ने लगा है। #विकास_का_झांसा #विचार