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मोबाइल फोन बदलती तस्वीरें एक परिवार की, एक समाज क

मोबाइल फोन  बदलती तस्वीरें एक परिवार की, एक समाज की, वजह है मोबाइल फोन, पहले तो हर समस्या के लिए आपस में मिलते थे, डिस्कस करते थे और अब तो 3 साल के बच्चे से लेकर दादाजी तक कि प्राइवेसी हो गई है जो दादाजी पहले रात में घंटों परिवार के साथ बातें किया करते थे, कहानियाँ सुनाया करते थे और सुबह जल्दी जागकर खांसकर सभी को सुबह होने का एहसास कराते थे आज जैसे कहीं खो गए हैं वजह मोबाइल फोन |
हम हर समस्या का समाधान मोबाइल में ढूँढने लगे हैं, सही बात तो ये है कि पूरी दुनिया को समेटके एक पॉकेट में रख दिया है | इसमे मोबाइल फोन का दोष नहीं है वो मशीन है और हम मनुष्य, वो सिर्फ माध्यम है निर्भर करता है हम पर उस माध्यम का कैसे उपयोग करें| माध्यम तो वर्षों से स्कूल भी है शिक्षा का, कभी स्कूलमय तो नहीं हुए जितनी जरूरत थी शिक्षा ली और आगे बढ़ते गए, लेकिन वो माध्यम भी जरूरी था, जैसे एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ट्रांसपोर्ट के साधन माध्यम है, इलाज के लिए अस्पताल माध्यम है, आत्मनिर्भर बनने के लिए परिवार माध्यम है, उसके बाद कहाँ जरूरत होती है अब परिवार की, सुविधा के लिए और जीने के लिए सड़क, पेड़, पानी ये सब माध्यम है उनकी हमें सिर्फ जरूरत होती है, ठीक उसी तरह मोबाइल फोन को आगे बढ़ने के लिए उतना ही माध्यम रखो तो जिंदगी रंगीन रहेगी.................
मोबाइल फोन  बदलती तस्वीरें एक परिवार की, एक समाज की, वजह है मोबाइल फोन, पहले तो हर समस्या के लिए आपस में मिलते थे, डिस्कस करते थे और अब तो 3 साल के बच्चे से लेकर दादाजी तक कि प्राइवेसी हो गई है जो दादाजी पहले रात में घंटों परिवार के साथ बातें किया करते थे, कहानियाँ सुनाया करते थे और सुबह जल्दी जागकर खांसकर सभी को सुबह होने का एहसास कराते थे आज जैसे कहीं खो गए हैं वजह मोबाइल फोन |
हम हर समस्या का समाधान मोबाइल में ढूँढने लगे हैं, सही बात तो ये है कि पूरी दुनिया को समेटके एक पॉकेट में रख दिया है | इसमे मोबाइल फोन का दोष नहीं है वो मशीन है और हम मनुष्य, वो सिर्फ माध्यम है निर्भर करता है हम पर उस माध्यम का कैसे उपयोग करें| माध्यम तो वर्षों से स्कूल भी है शिक्षा का, कभी स्कूलमय तो नहीं हुए जितनी जरूरत थी शिक्षा ली और आगे बढ़ते गए, लेकिन वो माध्यम भी जरूरी था, जैसे एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ट्रांसपोर्ट के साधन माध्यम है, इलाज के लिए अस्पताल माध्यम है, आत्मनिर्भर बनने के लिए परिवार माध्यम है, उसके बाद कहाँ जरूरत होती है अब परिवार की, सुविधा के लिए और जीने के लिए सड़क, पेड़, पानी ये सब माध्यम है उनकी हमें सिर्फ जरूरत होती है, ठीक उसी तरह मोबाइल फोन को आगे बढ़ने के लिए उतना ही माध्यम रखो तो जिंदगी रंगीन रहेगी.................