बिना गालों में रंग लगाये पूरी बारिकी से निभाता चलता हैँ सारे रिश्तों का मांझा और फिर कहता फिरता हैँ मुझे अभिनय नहीं आता तुम ही बताओ ये इंसानों का भोलापन हैँ या जाहिलपन!! ©Nibedita behera #Abhinaya आलोक जी बाबा ब्राऊनबियर्ड