चलों कुछ पुरानी यादें टटोलतें है, छुपे हुए राज़ दोस्तों के खोलतें है, क्या हुआ जो उनसे बात नहीं होती, मन तो कमीनों के आज भी डोलतें है। मेरे दोस्तों।