लिपट कर उनके जिस्म से , अब उनकी खुसबू हो जाए रूह को भी ना कर सके जुदा, इसकदर एक हो जाए के सो जाये उनकी आगोश में इसकदर अब हम, के चाहत में अब हम उनकी फ़ना हो जाए लिपट कर उनके जिस्म से , अब उनकी खुसबू हो जाए रूह को भी ना कर सके जुदा, इसकदर एक हो जाए के सो जाये उनकी आगोश में इसकदर अब हम, के चाहत में अब हम उनकी फ़ना हो जाए