जो ग़मो से आशना है दिल इन्हें सब्र दे सुकून दे।। तेरे ही सारे फैसले तेरे फैसलो पे सर है खम मेरा दर्द मुझ पर न आये ग़ालिब मेरे दर्द का तू तबीब दे।। ये ज़िन्दगी है तेरी मौला तेरी कुदरतो का असीर हु मेरे क़ल्ब की सदा तो सुन मेरी खलवतो में हुज़ूम दे।। तेरी रहमते तेरी नेमते तेरा शुक्रिया ये तेरी अता मुझे तो मेरी खबर नहीं मेरी बरकतों में उरूज दे।। ।।मस्तान की कलम से।। #गमे हिज्र