Unsplash मुस्कुराते चेहरे चाँद बने,उदासी बनी रात..! टिमटिमाते तारे तकते रहे,बनी न इश्क़ की बात..! इंतज़ार में रहे सुबह की,हो सूरज से मुलाक़ात..! पर मौसम की मार के आगे,भीगे सारे जज़्बात..! ©SHIVA KANT(Shayar) #Book #muskuratechehre