सीढ़ी बना कर तुमको उसने सफलता पाई वाह , आशिकी की तुमने क्या कीमत चुकाई तुम्हारे हिस्से तो थी सिर्फ उसकी बेवफाई तुम अनजान थे या उसके इश्क़ में नादान थे जो लुट कर भी खामोशी से सज़ा पाई तुम्हारा दर्द न दिया इस ज़माने को दिखाई तुम्हारे देखते देखते वो हो गई पराई और तुम्हें दे गई उपहार में तनहाई वाह , तुमने भी क्या सच्ची मोहब्बत निभाई ।। इश्क #nojotohindi#hindi#love#betrayel#poetry