मिट्टी के घरौंदे दिल में संजोये कही अनोखी बातें जुबां न कर पाए जिसे बयाँ खुले आसमान के नीचे कहीं बने पड़े होते हैं मिट्टी के घरौंदे खुले सपनों की आड़ में आकर कहीं हो न जाए ये विलीन खुदा की नेमत को पाकर बना पाएं हम मिट्टी के घरौंदे तर्क वितर्क , सत्य, असत्य के परे जो असत्यता को भी सत्य करें निष्ठा , अनिष्ठा के आंचल में जकड़े हल करे असमंजसता मिट्टी के घरौंदे सुनहरी यादों के आंचल में भरे और कुछ उम्मीदो का सेहरा बंधे हो चले अपने सभी सपने साकार आओ मिलकर बनाए मिट्टी के घरौंदे बचपन की नन्हीं खुशियों के मौके और मां बाप के प्यार के वो झरोखे खूबसूरत यादों के खुशनुमा सफ़र में जो कभी ना टूटे ,वही है मिट्टी के घरौंदे । -गौरव सोनी