मैं उन्मुक्त हूं मेरे पास दो थके पैर और मेरे कुछ सपने हैं आज मैं तुम्हारी आलोचनाओं का शिकार हूं कल तुम्हे मेरी बेहतरीन कहानी पढ़नी ही होंगी मैं कल भी उन्मुक्त थी आज भी उन्मुक्त और कल भी उन्मुक्त रहूंगी (प्रतिभा सिंह ) kahani