किस-किस को सुनाऊं दर्दे जिगर, तबीयत तो सभी की नासाज है? मोहब्बत में गल गए हैं आम की तरह, फिर भी बैठे हैं किस अंदाज में। ©Ganesh Din Pal #तबीयत नासाज