एक गरजती हुई बदल ने.. एक बरसती हुई बारिश से कहा.. अगर मैं ना गरजू तो.. तुम मेरी बात ना मानती..और.. इस धरती पर नहीं बरसाती... तब बरसती हुई बारिश ने.. गरजती हुई बदल से कहा.. तब तुम नहीं गरज थे होंगे...तब भी.. मैंने कड़े दूप पर भी.. इस धरती को.. मेरे सुकून के आँचल में ले लिया है.. तब उस धरती के हर पशु पक्षी.. ख़ुशी से झूम उठे थे..! #yqbaba #yqdidi #yqthoughtoflife #thoughtsofheart #thoughtoftheday #understandingeachothersituations #bothareequallyimportant #lalithasai रिश्ते में रुबाबागीरी नहीं चलती..