प्रबल गति लिए तू अपने ख्वाबों पर सवार हो, रुके ना झुके ना ऐसी तेरी चाल हो, ख़्वाब तेरे ऊंचे संकल्प तेरा अटूट हो, रुक कर भी ना रुके ऐसा तेरा जुनून हो, हिमालय की तरह अचल, अखंड ज्योति सा तेरा प्रकाश हो, प्रबल गति लिए तू अपने ख्वाबों पर सवार हो, रुके ना झुके ना ऐसी तेरी चाल हो, पुस्तकें तेरा देवालय शरीर तेरा ज्ञान हो, हर प्राणी का सम्मान हो, काया तेरी निर्मल मन तेरा विशाल हो, निर्बल का बल असहाय की आश हो, प्रबल गति लिए तू अपने ख्वाबों पर सवार हो, रुके ना झुके ना ऐसी तेरी चाल हो, किसी के दुख़ में तू ख़ुशी का एहसास हो, अंधरे में रोशनी का चिराग हो, वाणी में तेरी मिठास,बातों में तेरी अच्छाई का पैग़ाम हो, किसी का ना अपमान हो, प्रबल गति लिए तू अपने ख्वाबों पर सवार हो, रुके ना झुके ना ऐसी तेरी चाल हो..!! #प्रबल गति लिए तू अपने ख्वाबों पर सवार हो, रुके ना झुके ना ऐसी तेरी चाल हो,