कभी जब रात को बैठूं किसी पन्ने को लेकर मै मै कुछ लिखना भी चाहूँ तो कलम चलती नही मुझसे। लगे है जैसे कोई मुझमे कोई नादान बैठा है जो कुछ कहना तो चाहता है मगर कुछ कह नही पाता उसे कुछ डर सा रहता है न जाने कौन सा डर है उसे किसी की आरज़ू है या किसी से इश्क़ कर बैठा ? किसी को याद करता है या कोई सोने नही देता? उसे जब ख्याल आता है ये सब कुछ हो रहा है क्या वो घबरा सा जाता है कोई जब याद आता है कोई जब याद आता है कभी जब रात को बैठूं.... शहजान खान ✍ #urdu #passion #poetry #insta #qoutes