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अपने अंदर के दर्द छिपाना भी है मज़बूरी कोई देख ल

अपने अंदर के दर्द छिपाना भी है मज़बूरी 

कोई देख ले तो देख के मुस्कुराना भी है मज़बूरी 



कुछ जख्म होते  ही नासूर बनने के लिए है 


उन्हें नासूर बनता देखते जाना भी है मज़बूरी मज़बूरी
अपने अंदर के दर्द छिपाना भी है मज़बूरी 

कोई देख ले तो देख के मुस्कुराना भी है मज़बूरी 



कुछ जख्म होते  ही नासूर बनने के लिए है 


उन्हें नासूर बनता देखते जाना भी है मज़बूरी मज़बूरी
roshanjha7880

Roshan-nama

New Creator

मज़बूरी