नजदीकियां कुछ इस कदर हैं वो आए इस कदर से हैं पानी पे आग रख के जल न जाएं अजी सुना है मुहब्बत में तारीफ़ तो उनकी की मगर उन्हें लगा जैसे दूरियां हैं इश्क में जले नहीं तो क्या कहना है और क्या तारीफ़ कर दूं जन्नत की हमें तो उनकी अदा और अपनी लिखाई से ही नजदीकियां हैं.... नजदीकियां हैं । Hello Resties❤ Collab करें इस पर और विभिन्न विषयों पर लिखे। अपने मित्रों को कोलैब के लिए आमंत्रित करे| #rzpartners #rzhindi4collab203 #rzhindi #yqrestzone #collabwithrestzone #YourQuoteAndMine Collaborating with Rest Zone