मैं चाहता हूं इक ऐसा शेहर हो जिसमें फकत शायरों का बसर हो हो इश्क़ वाले, तो मिल जाए शहर–ए–दिलों में आसरा बगावती हो, तो शेहर से बेदखल हो मैं चाहता हूं इक ऐसा शेहर हो... ©Suman Zaniyan #शायरऔरशायरी