चरणों की धूल मैंने तो खिलाएं तेरी राहों में फूल लेकिन तूने तो समझा मुझे अपने चरणों की धूल तुम समझ नहीं पाए मेरे होने का मूल ताउम्र तुमने समझा मुझे अपने चरणों की धूल हमेशा मेरी बातें तुम्हें चुभती जैसे कोई शूल कभी ध्यान दिया होता तो जान पाते मेरे शब्दों का मूल खिल जाता तुम्हारा जीवन भी जैसे कोई फूल अगर तुम नहीं करते इतनी बड़ी भूल नहीं समझते मुझे अपने चरणों की धूल # चरणों की धूल