सर पे जो साया था ,वो अब महसूस नहीं होता दस्तार तो बाँध ली ,अब भी कुछ खाली खाली है । ©️✍️ सतिन्दर सर पे जो साया था ,वो अब महसूस नहीं होता दस्तार तो बाँध ली ,अब भी कुछ खाली खाली है । ©️✍️ सतिन्दर #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #satinder #सतिन्दर #नज़्म #रेख़्ता #गज़ल #ghzal #poetry #shyari