फूलों की तरह इंसान भी खिलते है मुरझाते है.. अच्छे कर्मों भावों की सुगन्ध चहु ओर फैलाते हैं... कुछ कर्मभाव हीन रहकर बस तरु का श्रंगार बढ़ाते हैं... . ....और देखो न नियती कर्मों की.... जो मधु सुगन्ध सरस हुए सबसे पहले तोडे जाते हैं... फूलों की तरह इंसान भी.......... सुप्रभात। एक सुंदर #collab Rest Zone की ओर से। #इंसानभी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi