ऐ दिल!तू क्यों नही मानता बुरे और अच्छे का फर्क तुझे समझ नही आता? ऐ दिल!तू क्यों नही मानता ऐ दिल तू खुद के छल से है छला जाता क्या तुझे करना खुद का भला नही आता? ऐ दिल तू क्यों है हरदम बहकावे में आता क्या तू हर शाम है मयखाने में जाता? ऐ दिल,तू क्यों नही मानता क्या तू अपने और बेगाने का फर्क नही जानता? ऐ दिल,तू हरदम दिमाग से है लड़ता रहता क्या तू मेरे दिमाग के साथ चल नही सकता? ऐ दिल,तू क्यों नही मानता मेरी मुश्किलों को क्यों नही पहचानता हरवक्त तू मुझे अपने कर्तव्य से है भटकाता क्या तुझे जिंदगी जीने का सलीका नही आता??? #nojoto#nojotoहिंदी अल्फाज ऐ दिल