भोर (अनुशीर्षक में पढ़ें) भोर भोर का सूरज निकलकर, करता सबमें शक्ति का संचार उठ कर कर्म करना करो शुरू, ना करते रहो सिर्फ़ तुम विचार ठंडी पवन जो बह रही,