किताबों में दबी तेरी सूखी फूलों की, खुशबू नहीं जाती मुरझा गए हैं बेशक इश्क़, मगर यादों की बू नहीं जाती दिल मानता ही नहीं सनम, कि अब तुम मेरे नहीं रहे एक हूक उठती है दिल में, कि तेरी जुस्तजू नहीं जाती तेरे आने से महक उठता था,मेरे घर का हर कोना प्रिये वही महक अब भी बिखरी है,कि संवारी ही नहीं जाती वो हवाओं में घुलकर, कभी लिपट जाती थी तन से मेरे अब वो बैठी मेरे सामने यूं मग़र,नैनस्पर्श की नहीं जाती मुझ पर करके विश्वास तूने, मुझे ज़िंदगी कहा था प्रिये अविश्वास की तोहमते दे गई कि ज़िन्दगी जीं नहीं जाती दोनों साथ में हमसफ़र बन, उतरे थे इश्क़-ए-दरिया में मुझे कूदा के तुम मुकर गई,ग़र तुझसे वफाई नहीं जाती मैं जानता हूं वो दिन लौटकर नहीं आने वाले मेरी"निशा" तू फिर समेट लेगी आकर मुझे,एक रोज अपनी बांहों में क़म्बख्त इस नादान दिल को, ये आरजू नहीं जाती No CAPTION 🤫🤫, enjoy Mythical ink ☺️☺️,, आप सभी बहुत अच्छे लोग है हमेशा ख़ुश रखे माँ गौरी आप सभी को 🙏🙏☺️ ख़्याल रखिये अपना और अपनों का ❤🤗 //हर हर महादेव // #feelings #love #प्रेमलेखन #रातरानी_की_एहसासों_में_कविताएं