जैसे बुरे समय में पाप-पुण्य सब भूल इंसान भगवान का स्मरण करने लगता है... वैसे ही किसी के स्वार्थी होने पर दृष्टीकोण न बदलिए.. क्योंकि रौशनी को भी लोग तभी पूछते हैं जब अंधकार गहरा हो जाता है। जब स्वार्थी लोगों से मन खिन्न होने लगे तो इस बात को ध्यान में रखें। स्मरण = याद खिन्न = घृणा करनेवाला दृष्टिकोण = नज़रिया #hey_diaryspeaks Heena Yadav #lifelessons #dontjudge