Nojoto: Largest Storytelling Platform

इन राहों में भटकते चल दिए किसी मंजिल की तलाश नहीं

इन राहों में भटकते चल दिए 
किसी मंजिल की तलाश नहीं 
कोई अपना भी खास नहीं
 ना सुबह की फिक्र है
 मुझे ना शाम की परेशानी
 बेपरवाह जिंदगी मुस्कुराकर चल दिए 
अकेले थे रास्ते में
 ना दर्द साथ था ,ना खुशी 
कोई चिंता ना थी,
 ना थी कोई फिक्र 
 ना किसी की सोच थी,
 ना किसी की परवाह ,
बस चल दिए बेपरवाह

©Samiksha Chouhan
  बेपरवाह

बेपरवाह #कविता

1,092 Views