वो भी क्या दिन थे, हम रोज तारों को बटोरकर नीचे लाते और हमारी हर रोज दिवाली होती थी, समय ने पर्दा खिंचा, इधर हर उम्र बिताने में लग गए.. --YASHVARDHAN #वो_दिन 💞