हमने शेरों में लिख दिया उस ख़ूने जिगर को जो बहा के लेजा सकता था तेरे शहर को ये दिल ये जान ये आंखे ये मेरी ख़ुशियां तमाम सब हाज़िर हैं कुछ तो भाये तेरी नज़र को