हुस्न ओ शराब से दूर रहते जवानी को मार देते है तनहाई जन्म लेती है फ़क़त ख़ुशी को मार देते है हम ऐसे लोग जिनसे भूख संभाला नहीं जाता तो लिखने के पैसे लेते सच्ची कहानी को मार देते है रंज बढ़ने पे जब - जब चाह होती सुकुन की मुझे ऊँगली चुस्ते बच्चे बनते समझदारी को मार देते है हद से ज्यादा जाहिल हो रहा है जमाना अब ये यारों लोग गुंडों को पनाह दे रहे और शराबी को मार देते है नहीं भरता जब पेट उनका लूट कर तब वो किसानों से छीनते कारखानो के बहाने जमीं रोजी को मार देते है #yqbaba #yqdidi #kunu #gajal #dotch