छायी है हर सू ख़ामोशी दुश्वार है जीना मेरा मोहताज है मेरी खुशी रोता हू शब-ओ-रोज़ मैं चेहरा से ग़ायब है हँसी बर्दाश्त कब तक करू भला बेजाह है अब शाइस्तगी हर साँस मे बाक़ी है वो बेकार है अब ज़िंदगी OPEN FOR COLLAB✨ #ATउसकेबिनाअबज़िन्दगी • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ 🎁 Check out our special pinned post. 😁🏆 Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts