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आँसू से नाता पुराना था बस पलकों के हो के रह गए, यू

आँसू से नाता पुराना था बस पलकों के हो के रह गए,
यूँ  सुख बेगानें  निकले की घर से  बदर हो के रह गए।
कुछ ख़ुशियों  के जाने  का  ग़म कौन  मनाता  आशु,
हवेली कहते थे लोग कभी अब खंडहर हो के रह गए। 🎀 Challenge-322 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।
आँसू से नाता पुराना था बस पलकों के हो के रह गए,
यूँ  सुख बेगानें  निकले की घर से  बदर हो के रह गए।
कुछ ख़ुशियों  के जाने  का  ग़म कौन  मनाता  आशु,
हवेली कहते थे लोग कभी अब खंडहर हो के रह गए। 🎀 Challenge-322 #collabwithकोराकाग़ज़

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🎀 Challenge-322 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #खंडहर #कोराकाग़ज़ #कुछख़ुशियाँ