आशिकों पर होती नहीं इनायत इनकी बस दिल जलाए हैं यारों क्या बताएँ इन निग़ाहों ने क्या क्या गुल खिलाए हैं! नज़र भर के देखे जिसे उसके होश उड़ाए हैं, कभी भोली कभी क़ातिलाना अंदाज़ दिखाए हैं..! शराफ़त कब तक लिबास में रहे और कशमकशाए गुस्ताख़ नज़रें बढ़ा रही बेचैनियाँ काश पास भी आए..! ♥️ Challenge-579 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।